Friday, September 18, 2015

INSPIRED (2)

छू लिया है तुमने मेरे ख्वाबों को यूँ

कि अब तो अंधेरे भी मेरी मुस्कुराहट पहचाने लगे हैं

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बस गये हो मेरे ख़यालों में यूँ

कि रोएँ भी तो आँखें ग़ज़ल गाती हैं

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